मऊ जिले के रानीपुर विकास खंड में मनरेगा के तहत कराए गए इंटरलॉकिंग कार्य में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। रामपुर बखरिया गांव में देवानंद राजभर से रमाशंकर राजभर के घर तक बनी इंटरलॉकिंग सड़क बारिश में ही धंस गई।
इस सड़क का निर्माण जुलाई 2025 में किया गया था। सड़क की लंबाई 120 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर है। इस कार्य की अनुमानित लागत 4.54 लाख रुपये है। खंड विकास अधिकारी रानीपुर ने इसकी वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति दी थी।
स्थानीय निवासी राधेश्याम राजभर ने शिकायत की है कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। बिना गिट्टी और बालू के ही इंटरलॉकिंग लगा दी गई। अगस्त की बारिश में ही सड़क की बाउंड्री वॉल और इंटरलॉकिंग बीच में धंस गई।
शिकायतकर्ता ने मांग की है कि जब तक कार्य की जांच न हो जाए और सड़क का पुनर्निर्माण न करा लिया जाए, तब तक भुगतान नहीं किया जाना चाहिए। मामले में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
