नोएडा, गौतमबुद्ध नगर, 17 सितम्बर ।भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय से उपनिदेशक के पद से रिटायर्ड एक बुजुर्ग को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके साइबर अपराधियों ने उनसे एक करोड़ 70 लाख रुपए की ठगी कर ली। घटना की रिपोर्ट दर्ज कर साइबर क्राइम पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम श्रीमती प्रीति यादव ने बताया कि बीती रात को सेक्टर 62 के एक सोसाइटी में रहने वाले ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उनके पास 9 सितम्बर को एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि आपका एक नंबर जो मुम्बई से पंजीकृत है, उस नंबर से लोगों को फोन करके उन्हें परेशान किया जा रहा है, तथा गाली गलौज की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस नंबर को आप बता रहे हैं वह मेरे नाम से नहीं है, न ही मैं कभी मुम्बई गया। पीड़ित के अनुसार उनसे कहा गया कि इस मामले में एक मुकदमा दर्ज है। आपको मुम्बई पुलिस से बात करनी होगी। उनके फोन को मुम्बई पुलिस के कथित अधिकारी को ट्रांसफर किया गया। पुलिस के कथित अधिकारी ने कहा कि आपके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है जो की लम्बित है। इस मामले में आप की नरेश गोयल जेट एयरवेज के सह-संस्थापक से मनी लांड्रिंग के मामले में संलिप्तता पाई गई है, तथा आप ने केनरा बैंक में खाता खुलवाया है। जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग की सम्पत्ति गई है।
उन्होंने बताया कि आरोपित ने उनसे कहा कि आप तुरंत मुम्बई आ जाओ नहीं तो आपके नोएडा स्थित घर से हथकड़ी लगाकर मुम्बई लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं एक सीनियर सिटीजन हूं, तथा लंबे समय से बीमार हूं। मुम्बई नहीं आ सकता तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करने का विकल्प दिया गया। उन्होंने बताया कि उनसे एक व्हाट्सएप ऐप खुलवाया गया, जिस पर वीडियो कॉलिंग करने को कहा गया। उनसे कहा गया कि नरेश गोयल के मामले में आपकी विस्तृत जांच करने के लिए आपके बैंक खातों की डिटेल चाहिए। पीड़ित को झांसे में लेकर साइबर अपराधियों ने उनके खाते की जानकारी ली, तथा कहा कि आपको एक अदालत में पेश होना पड़ेगा। उनके अनुसार उन्हें वर्चुअल तरीके से एक अदालत में पेश किया गया। जहां एक व्यक्ति जज बनकर बैठा था। उसने कहा कि ओमप्रकाश श्रीवास्तव को धन-शोधन के मामले में हिरासत में क्यों नहीं लिया गया, तो कथित पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह वृद्ध व्यक्ति हैं। बीमार होने के कारण उन्हें वीडियो कांफ्रेंस के लिए अनुमति दी गई है। कथित न्यायाधीश ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जांच की अनुमति दी।
एक अन्य अधिकारी करण शर्मा को जांच करने के लिए कहा। उसके बाद उक्त अधिकारी ने जांच शुरू की तथा उनसे कहा कि आप हमारे बताए गए खाते में एक करोड़ 70 लाख रुपए ट्रांसफर कर दो। जांच के 4 दिन के बाद यह रकम आपके खाते में वापस ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने बुजुर्ग को 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर अपने खाते में रकम ट्रांसफर कराई। उनसे कहा गया कि आप इस मामले की जिक्र किसी से नहीं करोगे। बाद में उनके बेटे को इस बात का पता चला। उन्होंने 16 सितम्बर को साइबर क्राइम पुलिस को सूचना दी। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज किया है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि ठगी की रकम किन-किन खातों में ट्रांसफर हुई है।
