नारायणपुर, 20 सितंबर । छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में एक दुर्लभ बीमारी क्यूटेनियस नोकार्डिया संक्रमण का एक मरीज मिला है। डॉक्टर्स के अनुसार नोकार्डिया नाम के एक बैक्टीरिया से यह बीमारी फैलती है, यह छत्तीसगढ़ में पहला मामला है। इससे पहले कर्नाटक और दिल्ली में इस बीमारी के मरीज मिल चुके हैं। वहीं पूरे विश्व में 5 से 7 प्रतिशत लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। बस्तर के नारायणपुर में मिले मरीज की पीठ पर पहले काला दाना उभरा था, जिसके बाद उसने घाव का रूप ले लिया। 2 महीने में दाने पूरे शरीर पर फैल गए। डॉक्टर्स के अनुसार समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज के मौत का खतरा होता है। फिलहाल, 14 दिन के इलाज के बाद मरीज की हालत में सुधार है।
डॉक्टरों ने आज बताया कि ये संक्रमण त्वचा को प्रभावित करने वाला दुर्लभ बैक्टीरियल वायरस संक्रमण है। मरीज की उम्र करीब 50 साल है। वह छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य की सरहद पर बसे गांव का रहने वाला है। कुछ दिन पहले वह नारायणपुर जिला अस्पताल आया था। मरीज के त्वचा की स्थिति काफी खराब थी। उसके पीठ में काले-काले दाने और घाव थे। घाव में पस भरा हुआ था। घाव धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल रहा था। मरीज को तेज बुखार और खुजली भी होती थी। वह करीब 2 महीने से पीड़ित था।
नारायणपुर जिला अस्पताल में डॉ. हिमांशु सिन्हा और डॉ. धनराज सिंह डरसेना ने मरीज का इलाज किया। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी। पहले ब्लड टेस्ट, सोनोग्राफी और पस कल्चर सेंस्टेविटी टेस्ट करवाया। जिसमें मरीज को क्यूटेनियस नोकार्डिया संक्रमण से ग्रसित होना पाया गया। जिसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को अन्य मरीजों से अलग रखा। 14 दिन अलग-अलग तरह का एंटीबायटिक दिया गया। लोशन लगाया गया। धीरे-धीरे उसके स्वस्थ्य में सुधार आया। मरीज ठीक हो गया। जिसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है।
