रायपुर, 22 सितंबर । छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला मामले में पूर्व मुख्य सचिव और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला आज सोमवार को तीसरी बार ईडी की विशेष कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे। जहां आत्मसमर्पण आवेदन स्वीकार होने के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने कोर्ट में 28 दिन का रिमांड आवेदन भी दायर किया है।
ईडी के वकील सौरभ पांडे ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि आलोक शुक्ला आज कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुँचे थे। आलोक शुक्ला उस वक्त नान के चेयरमैन थे। नागरिक आपूर्ति निगम में अनिल टुटेजा भी सचिव के पद पर थे। अनिल टुटेजा की भी संलिप्तता नान घोटाले में पाई गई थी। चूंकि अनिल टुटेजा पूर्व से जेल में हैं, इसलिए आज सुबह न्यायालय में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन किया गया था। अनिल टुटेजा को कोर्ट में पेश किया जाएगा। सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नान घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया था, जब एसीबी/ईओडब्ल्यू ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने वाली नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम (नॉन) के 25 परिसरों पर एक साथ छापे मारे थे। छापे के दौरान कुल 3.64 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे। छापे के दौरान एकत्र किए गए चावल और नमक के कई नमूनों की गुणवत्ता की जांच की गई थी, जो घटिया और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त थे। आरोप था कि राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई। चावल के भंडारण और परिवहन में भी भ्रष्टाचार किया गया। शुरुआत में शिव शंकर भट्ट सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला चला। बाद में निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और एमडी का नाम भी आरोपितों की सूची में शामिल हो गया। इस मामले में दो आईएएस अफसर भी आरोपित हैं।
