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फेडरल रिजर्व गवर्नर लीसा कुक को हटाने के ट्रंप के फैसले पर संघीय न्यायाधीश ने अस्थायी रोक लगाई

वाशिंगटन (अमेरिका), 10 सितंबर। अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने मंगलवार देररात राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के लीसा कुक को फेडरल रिजर्व के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से हटाने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। कोलंबिया के अमेरिकी जिला न्यायालय की न्यायाधीश जिया एम. कॉब का यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप के लिए झटका है। इस […]

वाशिंगटन (अमेरिका), 10 सितंबर। अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने मंगलवार देररात राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के लीसा कुक को फेडरल रिजर्व के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से हटाने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। कोलंबिया के अमेरिकी जिला न्यायालय की न्यायाधीश जिया एम. कॉब का यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप के लिए झटका है। इस फैसले से कुक को अपनी हालिया बर्खास्तगी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ते हुए सेवा जारी रखने की अनुमति मिल गई।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने कुक को उनके बंधक संबंधी दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोपों के चलते बर्खास्त करने की कोशिश की थी। उन पर न तो कोई सीधा लिखित आरोप लगाया था और न ही उन्हें किसी अपराध का दोषी ठहराया गया था। कुक के वकीलों ने उन्हें पद से हटाने के प्रयास को राजनीति से प्रेरित बताया था।

यह फैसला राष्ट्रपति के किसी फेड अधिकारी को “कारणवश” हटाने की क्षमता को लेकर चल रही लंबी कानूनी लड़ाई की पहली कड़ी है। “कारणवश” शब्द का अर्थ आमतौर पर पेशेवर लापरवाही या गलत काम करना समझा जाता है। फैसले में न्यायाधीश कॉब ने कहा कि कुक को हटाने के लिए ट्रंप द्वारा दिए गए तर्क पर्याप्त कारण की सीमा को पूरा नहीं करते, क्योंकि यह कार्रवाई फ़ेड गवर्नर के रूप में उनके कार्यकाल शुरू होने से पहले हुई थी। कुक ने बंधक दस्तावेजों पर 2021 में हस्ताक्षर किए थे। यह समय तत्कालीन राष्ट्रपति बाइडेन के उन्हें नियुक्त किए जाने के बाद फ़ेड में शामिल होने से लगभग एक साल पहले का था।

न्यायाधीश ने कहा, “‘कारणवश’ प्रावधान का सबसे अच्छा अर्थ यह है कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के किसी सदस्य को हटाने का आधार गवर्नर के पद पर आचरण और उनके द्वारा अपने वैधानिक कर्तव्यों का ईमानदारी और प्रभावी ढंग से पालन किए जाने तक सीमित है। इस प्रकार, ‘कारणवश’ किसी व्यक्ति को केवल उसके पदभार ग्रहण करने से पहले किए गए आचरण के आधार पर हटाने की बात नहीं करता।”

न्याय विभाग के वकीलों ने अपनी पहली सुनवाई में तर्क दिया कि राष्ट्रपति के पास यह निर्धारित करने के व्यापक अधिकार हैं कि क्या कारण माना जाता है और न्यायालय को इस व्याख्या के प्रति “अत्यधिक सम्मान” दिखाना चाहिए। न्यायाधीश कॉब ने अपने फैसले में इस दावे का सीधा खंडन किया। उन्होंने कहा, “सरकार के अनुसार, कारण का निर्धारण कानून द्वारा राष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर है, जिससे इस न्यायालय की कोई भूमिका नहीं बचती। न्यायालय इससे असहमत है।” उन्होंने कहा कि कुक को पर्याप्त उचित प्रक्रिया से भी वंचित रखा गया।

कुक की वकील एब्बे लोवेल ने कहा, “आज का फैसला फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को अवैध राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाने के महत्व को स्वीकार करता है और उसकी पुष्टि करता है।” उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति को निराधार और अस्पष्ट आरोपों के आधार पर गवर्नर कुक को गैरकानूनी तरीके से हटाने की अनुमति देना हमारी वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को खतरे में डालेगा और कानून के शासन को कमजोर करेगा।”

बताया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने कुक को “कानूनी रूप से हटाया” है। उन्होंने कहा, “यह फैसला इस मामले में अंतिम फैसला नहीं होगा और ट्रंप प्रशासन फेड में जवाबदेही और विश्वास बहाल करने के लिए काम करना जारी रखेगा।” विशेषज्ञों को मानना है कि फैसले का तलब है कि कुक फेड की अगली दो दिवसीय बैठक में मतदान कर सकेंगी। यह बैठक मंगलवार से शुरू होगी। केंद्रीय बैंक के जनवरी से रुकी हुई ब्याज दरों में कटौती को फिर से शुरू करने की उम्मीद है। इस कदम से उधारी लागत में एक चौथाई अंक की कमी आने की संभावना है। फेड ने इस फैसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

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