• Home  
  • व्हाइट कॉलर क्राइम कानून की सीमाओं को ही नहीं, शासन की आत्मा को भी देता है चुनौती : संजीव खन्ना
- राष्ट्रीय

व्हाइट कॉलर क्राइम कानून की सीमाओं को ही नहीं, शासन की आत्मा को भी देता है चुनौती : संजीव खन्ना

नई दिल्ली। पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने शनिवार को कहा कि व्हाइट कॉलर क्राइम केवल कानून की सीमाओं को नहीं, बल्कि शासन की आत्मा को भी चुनौती देता है। उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के रवैये पर चिंता जताई और पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता की जरूरत बताई। जस्टिस संजीव खन्ना तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम (टीपीएफ) […]

नई दिल्ली। पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने शनिवार को कहा कि व्हाइट कॉलर क्राइम केवल कानून की सीमाओं को नहीं, बल्कि शासन की आत्मा को भी चुनौती देता है। उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के रवैये पर चिंता जताई और पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता की जरूरत बताई।

जस्टिस संजीव खन्ना तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम (टीपीएफ) द्वारा यहां आयोजित ‘टीपीएफ–दायित्व: नेशनल लीगल कॉन्फ्रेंस ऑन कॉम्बैटिंग व्हाइट कॉलर क्राइम’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने व्हाइट कॉलर क्राइम (सफेदपोश अपराध) को समाज की नैतिक संरचना को खोखला करने वाला विकसित होता खतरा बताया और वित्तीय कानूनों को लागू करते समय अधिक संवेदनशीलता की जरूरत बताई।

उन्होंने कहा कि हर वह काम या चूक, जिसका वित्तीय असर पड़ता है, उसे एक ही नजर से नहीं देखा जा सकता। कानून निर्माताओं को यह फर्क समझना होगा कि कौन-सा कार्य जानबूझकर किया गया धोखा है, कौन सी अनजाने में हुई गलती है और कौन सी प्रक्रियात्मक चूक। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय व्यवस्था की ताकत सजा की कठोरता में नहीं, बल्कि न्याय की सुनिश्चितता में निहित है।

जस्टिस ने कहा कि लोगों में यह धारणा गहराई से बैठ गई है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां मदद करने की बजाय उत्पीड़न के लिए हैं। इसी भय के कारण लोग उनके पास नहीं जाते और साइबर अपराधी इसी स्थिति का फायदा उठाकर लोगों को डिजिटल रूप से परेशान करते हैं। न्याय पाने की जगह कई लोग डर के कारण अपराधियों को पैसे दे देते हैं। अब समय आ गया है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अधिक सहज और जनसुलभ बनें तथा लोगों में जागरूकता बढ़े। यह दोतरफा प्रक्रिया ही इस समस्या का समाधान दे सकती है।

इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक (एमेरिटस) डॉ. पूनम खेत्रपाल ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में व्हाइट कॉलर क्राइम केवल धन से जुड़ा नहीं है, यह जीवन और विश्वास से जुड़ा है। जब जानबूझकर निम्न गुणवत्ता की देखभाल दी जाती है, जब गरीबों को अधिकार होने के बावजूद इलाज से वंचित किया जाता है। जब अधिक लाभ के लिए सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है तो यह लापरवाही नहीं, बल्कि व्हाइट कॉलर क्राइम है।

डॉ. खेत्रपाल ने एक वैश्विक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि दुनिया भर में हर साल 86 लाख लोग खराब स्वास्थ्य सेवाओं के कारण समय से पहले मर जाते हैं, जिनमें से 16 लाख मौतें भारत में होती हैं। उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए मजबूत फोरेंसिक ऑडिटिंग, स्वास्थ्य परिणामों की ट्रैकिंग, नियामक प्रदर्शन संकेतक और न्यायिक निगरानी की जरूरत बताई।

कॉन्फ्रेंस में आर्थिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि जैसे-जैसे समाज समृद्ध होता है, अपराध और अधिक ‘सफेदपोश’ होते जाते हैं। उन्होंने एक वरिष्ठ न्यायाधीश का हवाला देते हुए बताया कि बीते दो दशकों में हिंसक और आर्थिक अपराधों का अनुपात पूरी तरह उलट गया है। पहले जहां 80 प्रतिशत अपराध शारीरिक थे, अब 80 प्रतिशत वित्तीय या साइबर अपराध हैं।

टीपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार नाहटा ने कहा कि व्हाइट कॉलर क्राइम पीड़ित विहीन अपराध नहीं है। हर घोटाला हमारे अवसर छीन लेता है, हर धोखाधड़ी हमारे विकास को धीमा करती है। उन्होंने पेशेवर वर्ग से आह्वान किया कि अब समय है कि हम सामूहिक व्हिसलब्लोअर, नैतिकता के संरक्षक और राष्ट्र की नैतिक संपदा के रक्षक बनें।

इस कॉन्फ्रेंस में कानून, वित्त, चिकित्सा और अकादमिक क्षेत्रों से एक हजार से अधिक पेशेवर शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस के विभिन्न सत्रों में एथिक्स, कंप्लायंस, गवर्नेंस और वित्तीय अपराधों के बदलते कानूनी ढांचे पर चर्चा हुई, जो भारत के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

कॉन्फ्रेंस के समापन के अवसर पर एक साझा संदेश गूंजा — भारत का विकास तब तक अधूरा रहेगा, जब तक संस्थाओं में जनता का विश्वास और नैतिकता बहाल नहीं होती।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About Us

सम्पर्क करें:
स्वामी : फर्स्ट इनफार्मेशन ट्रस्ट
के 1-1303 आई आई टी एल निम्बस एक्सप्रेस पार्क व्यू 2 , चाई 5 गौतम बुध नगर , ग्रेटर नोएडा
पिन: २०१३१०

 

Sign Up for Our Newsletter

Phone 1: +91 8090158095,

Phone 2: +91 9506158095 

Email: admin@new.firstinformations.com

फर्स्ट इनफार्मेशन्स.कॉम की उत्पत्ति का कारण ::

“यह सर्वविदित है कि समाज की प्रगति एवं नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए समय पर, सत्य और पारदर्शी सूचना का उपलब्ध होना अनिवार्य है। सूचना के अभाव में नागरिक अपने कर्तव्यों एवं अधिकारों का पूर्ण रूप से निर्वहन करने में असमर्थ रहते हैं। इस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, जनहित एवं सामाजिक कल्याण की दृष्टि से ” फर्स्ट इनफार्मेशन ट्रस्ट” के अधीन “फर्स्ट इनफार्मेशन्स डांट कॉम” की स्थापना की गईं है, जो आईटी एक्ट 2000व 2021 का पालन करने के लिए स्वयं से कटिबद्ध है।

” ईस्वर हमारी रक्षा करें “

FirstInformations  @2025. All Rights Reserved.
error: Content is protected !!