सरायकेला, । सरायकेला-खरसावां के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिन्द्र नाथ सिन्हा की न्यायालय ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए पांच लोगों की हत्या के दोषी चुनु मांझी उर्फ पुतुल मांझी को फांसी की सजा सुनाई।
अदालत ने इस अपराध को अत्यंत गंभीर श्रेणी का बताते हुए फांसी की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह चांडिल अनुमंडलीय न्यायालय का पहला मामला है, जिसमें किसी अपराधी को फांसी की सजा दी गई है।
मामले में अभियोजना पक्ष की ओर से प्रभारी अपर लोक अभियोजक हर्षवर्धन ने बहस किया। अभियोजन पक्ष ने घटना को जघन्य और दुर्लभ अपराध बताते हुए फांसी की सजा की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
क्या है पूरा मामला
यह घटना 23 फरवरी 2019 की है। वादी सिद्धु सोरेन के बयान पर दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि तड़के लगभग चार बजे चुनु मांझी कुल्हाड़ी लेकर अपने घर आया और दरवाजे पर हमला करने लगा। उसने दावा किया कि उसने रवि मांझी, कल्पना उर्फ पानवती और उनके तीन बच्चों जितेंद्र, सुरेश और पुखराज की हत्या कर दी है और वादी को भी जान से मार देगा। दरवाजा खोलने पर उसने वादी और उसकी पत्नी पर हमला कर दिया और घर एवं मोटरसाइकिल में आग लगा दी। पुलिस ने मौके पर तुरंत पहुंचकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
सअनि रोपना राम कांसरी ने मामले की जांच की। जांच के दौरान एफएसएल से प्राप्त साक्ष्य और गवाहों के बयानों को अदालत में पेश किया गया। अभियोजन ने कुल 11 गवाहों की गवाही कराई। घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी को भी न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सभी तथ्यों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद अदालत ने चुनु मांझी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई।
