डीआईओएस आजमगढ़ की जाँच रिपोर्ट देने मे आनाकानी तों सिपाही की जाँच आंख्या देने मे पदीय अधिकारों के दुरूपयोग का तहसीलदार पर आरोप
मऊ। जिले की मधुबन तहसील से राजस्व कर्मचारियों को पटा कर गोड़ विरादरी द्वारा गोंड बिरादरी का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी करने वालों मे पुलिस महकमा भी अछूता नहीं हैं। फर्स्ट इनफार्मेशन की तहकीकात मे लेखपाल, ग्राम सचिव, डी आई ओ एस, और अब पुलिस महकमे मे जाति छुपाकर फर्जी अनुसूचित जन जाति के सर्टिफिकेट पर नौकरी करने की खबर हैं। आरोपी को जनपद गोण्डा मे जिला जज का गनर होना बताया जा रहा हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार तह्सील मधुबन के धर्मपुर कैसायर गांव के सुनील यादव ने इसी गांव के गोड़ जाति के राजन पुत्र गुलाब के द्वारा गोड़ रहते हुए गोंड जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर पुलिस विभाग मे आरक्षित के पद पर नौकरी करने की जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया गया, जिसके उपरांत जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा तहसीलदार मधुबन को शिकायती पत्र सलग्न कर जाँच आंख्या दिनांक 25/3/2025 को तलब की गईं।
मार्च मे जिला समाज कल्याण अधिकारी मऊ के द्वारा तहसीलदार मधुबन से जाँच आख्या मांगे सातवा महीना बीतने को हैं, तहसीलदार मधुबन आज तक इस मामले की जाँच आख्या जिला समाज कल्याण अधिकारी को नहीं दी गईं। आरोपी का नाम राजन गोड़ है
दूसरा मामला जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ का हैं जिनके द्वारा जाति छुपाकर (गोड़ से गोंड बनकर) की जा रही सरकारी नौकरी की शिकायत हैं, जिसकी जाँच रिपोर्ट को तहसीलदार द्वारा पदीय अधूकारों का दुरूपयोग करतें हुए देने मे जानबूझकर देरी की जा रही हैं।
