👉 फर्स्ट इनफार्मेशन्स के हाथ हैं फर्जी ScSt का प्रमाण, कई पर चल रहा काम, कई हथिया रखे हैं सरकारी नौकरी
मऊ। जिले मे तहसीलो से पिछड़ी जाति मे मौजूद कहार विरादरी के नाम पर अनुसूचित जन जाति के प्रमाण पत्रों को बनाके लेखपालों के द्वारा बेचे जाने की खबर हैं। इस खेल मे क्षेत्रीय लेखपाल और तहसीलदार के शामिल हैं। इसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र से कई सरकारी नौकरी कर रहे हैं तों कईयों ने अपने विरोधियो के खिलाफ एससीएसटी एक्ट मे मुकदमा दर्ज कराकर विरोधी की नस ढीली कर दी हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले से कहार जाति के लोग अपने को अनुसूचित जन जाति का बताते हुए खुद को गोड़ की जगह गोंड लिखना शुरू कर दिए हैं। मऊ जिले मे कार्यरत कई सरकारी कर्मचारियों से ज़ब “फर्स्ट इनफार्मेशन्स ” ने उनसे उनकी जाति पूछ कर उनसे खुद को साबित करने की बात कही गईं तों कइयों ने या तों फोन काट दिए या फिर भाग गए।
पहली खबर पढ़ने के लिए निचे भ्रष्टाचार पर करें click
वर्ष 2016 से एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा झेल रहे एक ब्यक्ति नाम नही छापने की शर्त पर बताते हैं कि वर्ष 2013 मे समाजवादी पार्टी के शिवपाल सिंह यादव के द्वारा कुछ जातियों को एस सी एसटी का दर्जा देने की खेली गईं राजनीती और फोर भाजपा सरकार मे गोंड जाति को अनुसूचित जन जाति का प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश के बाद कई गोड़ विरादरी के लोग गोंड हूँ गए।
यही नहीं कई लोगो ने बाकायदा लेखपाल और तहसीलदार से मिलकर अनुसूचित जन जाति का प्रमाण पत्र भी बनवा लिया जिसके आधार पर कई लोग सरकारी नौकरी भी हथिया लिए हैं। नौकरी फर्स्ट इनफार्मेशन्स ऐसो लोगो को चिन्हित कर उनके खिलाफ न्याय हित और समाजहित मे कार्यवाही कराने के लिए कटिबद्ध हैं।
