मऊ(एफ आई नेटवर्क)। हॉस्पिटल भवनो के नक्शो की बिना प्रोविशनल स्वीकृति के और भारतीय भवन संहिता 2005 आदि के खिलाफ निर्मित हॉस्पिटल भवनों के नाम सीएफओ द्वारा अविधिपूर्ण तरीके से जारी अनापत्ती प्रमाण पत्रों के कारण जिले मे अबैध हॉस्पिटलो को सीएमओ दफ्तर ने वैध बना दिया है। अधिकांश हॉस्पिटल पहुंच मार्ग 10 से 20 फिट चौड़े मार्ग पर मौजूद है और 50 शैय्या तक के हॉस्पिटल कों मानक के अनुसार उन्हें 18 मीटर चौड़े मार्ग पर होने की कानूनन बाध्यता है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार मुख्य अग्नि समन अधिकारी के द्वारा ऐसे हॉस्पिटलो के नाम अग्नि सामन की अनापट्टी प्रमाण पत्र जारी किये गए है जिन तक पहुंचने का मार्ग 10 से 20 फिट चौड़ा है, यही नहीं ऐसे हॉस्पिटलो के भवन के नक्शे को भी नियत प्राधिकारी के द्वारा प्रोविशनल स्वीकृति नहीं दी गईं, और न ही निर्माण के दौरान किसी हॉस्पिटल के भवन का समय समय पर सीएफओ द्वारा नियमानुसार निरीक्षण ही किया गया है, बिना निरीक्षण और बिना प्रोविशनल स्वीकृति के सीएफओ ने हॉस्पिटल प्रबंधन के नाम आदि पर अग्नि समन विभाग की अनापत्ती जारी कर दी है।
सीएफओ के इस अविधिपूर्ण कार्यशैली के कारण जिले मे सीएमओ के द्वारा जिले मे मौजूद अबैध हॉस्पिटलो को वैध बना दिया गया है। सीएफओ और सीएम ओ के द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करतें हुए शासनादेश और उपलब्ध कानून के खिलाफ जा कर अबैध हॉस्पिटलो को वैध बनाने की न्याय और समाज हित मे जाँच किया जाना चाहिए। सीएफओ ने ऐसे हॉस्पिटलो कों किस आधार पर अनापत्ती प्रमाण पत्र जारी किया गया है? न्यायहित और समाजहित मे सार्वजनिक करना चाहिए।
