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नेपाल में अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने के लिए कुलमन घिसिंग का नाम प्रस्तावित

– भारतीय पर्यटकों को ले जाने के लिए इंडिगो एयरलाइंस का चार्टर्ड विमान काठमांडू पहुंचा काठमांडू, 11 सितंबर । नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच जेन जी के एक समूह ने कुलमान घीसिंग को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने का प्रस्ताव रखा है। नेपाल में फंसे भारतीय पर्यटकों को ले जाने के लिए इंडिगो एयरलाइंस […]

– भारतीय पर्यटकों को ले जाने के लिए इंडिगो एयरलाइंस का चार्टर्ड विमान काठमांडू पहुंचा

काठमांडू, 11 सितंबर । नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच जेन जी के एक समूह ने कुलमान घीसिंग को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने का प्रस्ताव रखा है। नेपाल में फंसे भारतीय पर्यटकों को ले जाने के लिए इंडिगो एयरलाइंस का चार्टर्ड विमान काठमांडू पहुंच गया है। इस बीच सेना प्रमुख जनरल अशोक राज ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को मौजूदा हालात की जानकारी दी है। सेना मुख्यालय के बाहर झड़प में आंदोलनकारियों के दो गुट आपस में भिड़ गए।

नेपाल में नई सरकार को लेकर गुरुवार को सेना मुख्यालय में आर्मी चीफ जनरल अशोक राज के नेतृत्व में अहम बैठक हुई, जिसमें जेन-जी के सात प्रतिनिधि भी शामिल हुए। अपना प्रतिनिधि चुनने के मुद्दे पर सेना मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे युवाओं में फूट पड़ गई, जिसके बाद दो गुट आपस में ही भिड़ गए। बैठक में मौजूद सुशीला कार्की और दुर्गा प्रसाई के नाम पर सहमति न बनने पर लंबी वार्ता के बाद प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए अब कुलमन घिसिंग का नाम आगे रखा है। कुलमान घीसिंग के पास प्रशासनिक अनुभव है और उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।

सुशीला कार्की के नाम का विरोध

प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सुशीला कार्की के नाम का विरोध इसलिए किया है, क्योंकि उनके पति पर विमान अपहरण का आरोप है और उन्होंने इस मामले में दो साल मुंबई की जेल में बिताए हैं। नेपाल की प्रथम महिला प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की की नियुक्ति अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी ओली के संवैधानिक परिषद् के अध्यक्ष रहते की गई थी। नेपाल की संसद में एक बार सुशीला कार्की के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसके बाद कुछ दिनों तक उन्हें अपने पद से निलंबित रहना पड़ा। बाद में कोर्ट ने उनके निलंबन को खारिज करते हुए उन्हें दोबारा प्रधान न्यायाधीश के रूप में काम करने के लिए फैसला सुनाया।

दाहाल ने की संविदान के दायरे में समाधान की अपील

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने एक बयान में संसद विघटन नहीं करने और संविधान के दायरे में समाधान ढूंढने की अपील करते हुए कहा कि यह आंदोलन संविधान और संसद के विरोध में नहीं था। इसलिए संसद भंग करने का परिणाम ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और गणतंत्र पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। युवाओं के इस आंदोलन के बाद लोकतंत्र और गणतंत्र को और मजबूत करना पहली जिम्मेदारी है। प्रचंड ने कहा कि युवाओं की मांग संसद विघटन की मांग नहीं, बल्कि संविधान में आवश्यक बदलाव किये जाने की है। इसलिए संवैधानिक और राजनीतिक संकट के समाधान के लिए सभी पक्षों के बीच सहमति आवश्यक है।

सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति को स्थिति से अवगत कराया उधर, सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल से बात कर उनको सभी स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने राजनीतिक और संवैधानिक प्रयासों के बारे में जानकारी दी है।

भारतीय पर्यटकों को ले जाने के लिए चार्टर विमान काठमांडू पहुंचानेपाल में फंसे भारतीय पर्यटकों को ले जाने के लिए इंडिगो एयरलाइंस का चार्टर्ड विमान काठमांडू पहुंच गया है। इंडिगो एयरलाइन्स के दो विमान काठमांडू आने हैं, जिसमें एक विमान लैंड कर चुका है और दूसरा लैंड करने वाला है। नेपाल में हुए व्यापक उपद्रव से होटल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है और कारोबार में 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 34 की मौतः स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि सोमवार और मंगलवार को आयोजित जेन-जी विरोध प्रदर्शनों के दौरान अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देशभर के अस्पतालों में 1,338 लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि 949 लोगों को पहले ही छुट्टी दे दी जा चुकी है।इनमें से छह काठमांडू के सिविल अस्पताल में, आठ नेशनल ट्रॉमा सेंटर में, तीन एवरेस्ट अस्पताल में, पांच भेरी अस्पताल में, तीन फ्रंटलाइन अस्पताल में, दो केएमसी अस्पताल, बीपी कोइराला इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज और ब्योधा अस्पताल में और एक-एक त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल, इस्लाम अस्पताल और बी एंड सी अस्पताल में हुई।

प्रदर्शनकारियों ने भारतीय मीडिया को रोका

सेना मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग का आरोप लगाते हुए भारतीय मीडिया को लाइव प्रसारण से रोका है। प्रदर्शनकारियों ने पत्रकारों को रिपोर्टिंग से रोक दिया और उन्हें बेस के सामने के क्षेत्र से हटा दिया। कुछ कार्यकर्ताओं ने मीडिया पर राजतंत्र समर्थक होने का आरोप लगाते हुए उन्हें रिपोर्टिंग से रोक दिया। नेपाली सेना ने पत्रकारों को तनाव को रोकने के लिए साइट छोड़ने का निर्देश दिया।

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