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अडाणी के खिलाफ मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक रोहिणी कोर्ट ने हटाई

नई दिल्ली, । रोहिणी कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुनील चौधरी ने अडाणी से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक हटा ली है। जज सुनील चौधरी ने यह आदेश स्वतंत्र पत्रकार प्रांजय गुहा ठाकुरता की याचिका पर दिया है। जज सुनील चौधरी ने कहा कि जब तक सीनियर सिविल जज कोई नया आदेश जारी नहीं […]

नई दिल्ली, । रोहिणी कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुनील चौधरी ने अडाणी से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक हटा ली है।

जज सुनील चौधरी ने यह आदेश स्वतंत्र पत्रकार प्रांजय गुहा ठाकुरता की याचिका पर दिया है। जज सुनील चौधरी ने कहा कि जब तक सीनियर सिविल जज कोई नया आदेश जारी नहीं करते तब तक ये रोक जारी रहेगी। जज सुनील चौधरी ने 24 सितंबर को ठाकुरता की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

दरअसल, सीनियर सिविल जज अनुज कुमार सिंह ने 6 सितंबर को अडाणी से जुड़ी सभी मीडिया रिपोर्ट और वीडियो डिलीट करने का आदेश दिया था। उसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने न्यूज लाउंड्री, अभिसार शर्मा, ध्रुव राठी, रवीश कुमार ऑफिशियल, द देशभक्त, दीपक शर्मा, प्रज्ञा का पन्ना, अजीत अंजुम, एचडब्ल्यू न्यूज इंग्लिश और प्रांजय ऑनलाइन को नोटिस भेजकर अडाणी से संबंधित यूट्यूब वीडियो डिलीट करने को कहा था। इसके बाद एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज आशीष अग्रवाल ने 18 सितंबर को चार पत्रकारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीनियर सिविल जज के आदेश पर रोक लगा दी थी। जज आशीष अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा था कि संबंधित पत्रकारों का पक्ष सुने बगैर न्यूज आर्टिकल और वीडियो डिलीट करने का आदेश उचित नहीं था।

सुनवाई के दौरान अडाणी इंटरप्राइजेज की ओर से पेश वकीलों ने कहा था कि अगर दोनों पक्षों की सहमति हो तो वे 6 सितंबर के सिविल जज के आदेश को लेकर कोई निरोधात्मक कदम नहीं उठाएंगे। इस पर प्रांजय गुहा ठाकुरता की ओर से पेश वकील अपर गुप्ता ने कहा था कि इससे कई मीडिया आउटलेट में छपे उनके आलेख को दोबारा छापने में कोई मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा था कि इस मसले पर वकील त्रिदिप पेस ने दलीलें पेश कर चुके हैं, इसलिए इस पर कोर्ट आदेश जारी करे।

सुनवाई के दौरान यूट्यूब पत्रकारों की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर और नकुल गांधी ने कहा कि आखिर क्या जल्दबाजी थी, दो या तीन दिनों की भी नोटिस क्यों नहीं दी गई। सीनियर सिविल जज को याचिकाकर्ताओं का भी पक्ष सुनना चाहिए था। उन्होंने कहा कि देश में सबसे बड़े मीडिया हाउस चलाने वाली कंपनी कह रही है कि वो इन खबरों से संकट में है। सीनियर सिविल जज के आदेश की वजह से यूट्यूब ने कई वीडियो डिलीट करने को कहा है। वृंदा ग्रोवर ने कहा कि अडाणी इंटरप्राइजेज एक कंपनी है और आर्टिकल किसी व्यक्ति के बारे में बात कर रहा है। आर्टिकल में अडाणी इंटरप्राइजेज के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।

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